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ChangeMakers

मेरा नाम प्रदीप कुमार है और मैं पिंगली गाँव का रहने वाला हूँ । मैंने अक्सर अभिभावकों को बच्चो की आपसी तुलना और उनके आत्मविश्वास को काम करते देखा हैं। ऐसे अनुभवों और उसके परिणामों से मैं खुद भी भली-भांति परिचित था। बच्चो के साथ लगाव होने के कारण मेरी कोशिश थी कि बाकि किसी भी बच्चे को इन परिस्थितियों का सामना न करना पड़े। अपने सपने को पूरा करने के लिए मुझे बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा। जब मैं नौवीं कक्षा में था तो अचानक कुछ कारणों की वजह से मेरे बाल झड़ने लगे। जिसका मेरे दोस्तों और रिश्तेदारों ने बहुत मजाक उड़ाया। जिसके कारण मुझ में हीन भावना पैदा होने लगी थी और मैं अपना आत्मविश्वास खो रहा था । एक समय ऐसा आया कि मैं ना तो किसी से बात कर रहा था और ना ही मैं पढ़ाई कर पा रहा था। लेकिन मेरे परिवार ने हार नहीं मानी और उन्होंने बिना बताए मेरा एडमिशन B.ED. में करवा दिया। अपने परिवार के सपोर्ट से मैंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। उसके बाद मैंने M.A. , B.ED. की डिग्री प्राप्त की। उसके बाद मैंने प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना शुरू किया और साथ ही एक अध्यापक बनने की तैयारी करता रहा। वारित्रा के साथ जुड़ कर मुझे अपने गाँव के बच्चो के साथ काम करने का अवसर मिला। मैं पिछले 2 सालों से वारित्रा के साथ एक शिक्षण मित्र के तौर पर काम कर रहा हूं। अब बच्चों के साथ काम करने के अलग और नये तरीके खोजने की कोशिश करता हूं। इसके साथ ही मुझे मेरा खोया हुआ आत्मविश्वास वापस मिला। साथ ही गाँव वालो को बच्चो की शिक्षा की महत्ता के बारे मे जागरूक करने का एक मंच मिला।

प्रदीप / Pradeep